आज नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति भवन में समारोह का आयोजन किया गया है जहां न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सेवानिवृत्त सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे.
बताते चलें कि न्यायमूर्ति खन्ना का कार्यकाल 13 मई, 2025 तक रहेगा. जस्टिस खन्ना चुनावी बांड योजना को खत्म करने जैसे ऐतिहासिक फसलों का हिस्सा रहे हैं.
वहीं जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के वर्ष 2019 के फैसले को बरकरार रखने में भी शामिल थे.
इनकी अगुवाई वाली पीठ ने पहली बार आबकारी नीति घोटाला मामलों में लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत भी दिया था.
उनके निर्णय में खास चर्चा चुनाव में प्रयोग किया जा रहे इवीएम के उपयोग को लेकर दिया गया. इसके संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह उपकरण सुरक्षित है और बूथ कब्जा करने तथा फर्जी मतदान की आशंका को खत्म करते हैं.
इन्होंने ईवीएम में हो रही वोटों की हेरा-फेरी की आशंका को भी निराधार करार देते हुए पुरानी मत प्रणाली पर वापस लौटने की मांग को खारिज कर दिया था.
जस्टिस खन्ना से जुड़ी खास जानकारियां:
14 मई,1960 में जन्मे सुरेश खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से विधि की पढ़ाई पूरी किया है. वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. इनके पास आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थाई वकील के रूप में कार्य करने का लंबा अनुभव रहा है.


