गोरखपुर: उप्र० सरकार द्वारा न्यू पेंशन स्कीम में सेवानिवृत कर्मचारीयों को चिकित्सकीय सुविधा बहाल किए जाने को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक परिषद के कैम्प कार्यालय पर की गई जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव और संचालन महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने किया.
बैठक को संबोधित करते हुए रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि सरकार न्यू पेंशन स्कीम में सेवानिवृत कर्मचारीयों को चिकित्सकीय सुविधा नहीं दे रही है, सरकार का यह कृत्य असंवैधानिक और अमानवीय है.
देश के प्रत्येक नागरिक के समुचित इलाज की जिम्मेदारी सरकार की है, कर्मचारी तो पूरा जीवन सरकार के ही कार्य को धरातल पर उतारने का कार्य करता है. इसीलिए सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार करना बंद करें और सभी एनपीएस कर्मचारियों को चिकित्सकिय सुविधा प्रदान करे.
महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि सरकार चिकित्सा प्रतिपूर्ति को आयकर के दायरे से बाहर करे क्योंकि कर्मचारी अपने वेतन व भत्तों का इनकम टैक्स प्रत्येक वर्ष सरकार को जमा करता है,
उसी वेतन के पैसे से अपना या अपने परिजनों का इलाज करता है. इसके बाद जब उसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिलती है तो उसे कर्मचारी के इनकम के श्रेणी में रखकर उस पर दुबारा इनकम टैक्स लिया जाता है
जबकि वह कर्मचारियों और उनके परिजनों के इलाज की क्षतिपूर्ति के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है. इसलिए इसे इनकम टैक्स के दायरे से बाहर किया जाना नितांत आवश्यक है.
सरकार को चाहिए कि वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा को और सरल बनाए तथा इसमें सभी प्रकार के इलाज और जांच को शामिल करे तथा इलाज में लापरवाही करने वाले अस्पताल के लाइसेंस को
सस्पेंड करे ताकि अस्पताल मालिक कर्मचारियों के साथ मनमाना और सौतेला व्यवहार ना करें. वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित श्याम नारायण शुक्ल ने कहा कि सरकार देश के प्रत्येक नागरिक 70 वर्ष के उम्र के बाद उसे आयुष्मान कार्ड देने का ऐलान किया है.
हम सब की मांग है कि इस में संस्सोधन कर के इसकी उम्र 60 वर्ष किया जाए जिससे प्रत्येक नागरिक और पेंशनरों को इलाज की सुविधा मिल सके. इस मौके पर गोविन्द जी, राजेश सिंह, अनिल द्विवेदी, राजेश मिश्र, अनूप कुमार, कनिष्क गुप्ता आदि उपस्थित रहे.


