गुरुकृपा संस्थान एवं पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव आयोजन 2025 के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर अखंड ज्योति प्रज्वलन एवं स्वतंत्रता आंदोलन में युवा क्रांतिवीरों की भूमिका विषयक संगोष्ठी का आयोजन गोरखपुर जेल परिसर में किया गया.
गगनभेदी उदघोष के बीच प्रो० जे. पी. सैनी एवं सदर सांसद फ़िल्म अभिनेता रविकिशन शुक्ला सहित सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश राम त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से अखंड ज्योति प्रज्वलित किया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मदन मोहन मालवीय प्रोद्योगिकी विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ जे पी सैनी ने कहा कि देश के युवाओं को योगेश्वर श्रीकृष्ण के प्राकट्य स्थली जेल को कर्म क्षेत्र में बदलकर राष्ट्र के निर्माण में महती भूमिका निभानी होगी.
युवा देश के भाग्य विधाता है. युवा प्रगति पथ पर बढ़ें और खूब पढ़ें अपनी कौशल से विकास के मार्ग प्रशस्त करें. गुरुकृपा संस्थान के संस्थापक बृजेश राम त्रिपाठी द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर
अखंड ज्योति जलाकर बिस्मिल के बलिदान को गोरखपुर जेल से देश के करोड़ों युवाओं तक संदेश पहुंचाने का अभियान स्वागतयोग्य एवं प्रशंसनीय कार्य है.
अखंड ज्योति के माध्यम से जन जागरण की योजना अनुकरणीय पहल होगी. बिस्मिल के बलिदान स्थली गोरखपुर जेल में बने स्मारक को साक्षी मानकर अखंड ज्योति अनवरत जलती रहेगी.
गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन शुक्ला ने कैदियों के मध्य संवाद करते हुए युवाओं को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर देश की उन्नति में अपनी पूरी क्षमता से जुड़ने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि संरक्षित बैरक के 7 नंबर कोठारी वह कोठारी जिस कक्ष में रामप्रसाद बिस्मिल अपने क्रांतिकारी जीवन में सजा के तौर पर 123 दिन बिताए थे वह उत्तर प्रदेश की गोरखपुर जेल है और उसी कक्ष में अखंड ज्योति अनवरत जलेगी.
इस अनूठे कार्य हेतु बृजेश राम त्रिपाठी को बधाई एवं अखिल भारतीय जनता क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा की पूरी टीम को शुभकामनाएं देता हूं. संचालन कार्यक्रम संयोजक बृजेश राम त्रिपाठी ने किया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जेल अधीक्षक डी के पांडेय ने किया.
स्वागत मनीष जैन और आभार ज्ञापन जेलर अरुण कुशवाहा ने किया. इस अवसर पर प्रमुख रूप से डा० पी के भारती, जेल अधीक्षक डी. के. पांडेय, जेलर अरुण कुमार कुशवाहा, मनीष जैन, अभिषेक त्रिपाठी, रंजन शुक्ला, प्रमोद शुक्ला, रणविजय सिंह, निरुपमा सिंह, सहित बड़ी संख्या में जेल अधिकारी मौजूद थे.


