राज्यपाल उत्तर प्रदेश को कमिन्श्नर गोरखपुर के जरिये ज्ञापन देते हुए पूर्वांचल गांधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने लिखा है कि ‘यूजीसी रेगुलेशन’के अनुसार मैं योग्य हूं, मेरी योग्यता किसी शासनादेश या कुलपति द्वारा ‘व्याख्या’ का विषय नहीं है.
यदि प्रथम श्रेणी PG, यूजीसी नेट योग्य नहीं तो न केवल DDU वि.वि के 300 आचार्य वरन देश के विश्वविद्यालयों का कोई आचार्य योग्य नहीं क्योंकि मेरी योग्यता भी वहीं से निकली है जहां योग्यता पैदा होती है.
आज़ उच्च शिक्षा का ऐसा पतन हुआ है जिसमें प्रथम श्रेणी PG यूजीसी नेट वि.वि से बाहर है और ‘Plagiarism (‘नकल’) के पी.एच.डी प्रोफेसर हैं.
डॉ मल्ल का कहना है कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय विश्व विद्यालय गोरखपुर ने जिस शासनादेश को आधार बनाकर मुझे अयोग्य ठहराया है, मेरा मानदेय प्रवक्ताअप्रूवल निरस्त करके मेरा जीवन,
‘जीने का आधार, अध्ययन-अध्यापन, अनुसंधान, मेधा-चरित्र-अनुशासन, मानवता सब नष्ट कर दिया है. योग्यता आधारित, प्रक्रियागत मेरी नियुक्ति निरस्त करना, अपने ‘टर्मिनेशन ऑर्डर’ में ‘तथाकथित नियुक्ति’ शब्द लिखकर मुझे’ नीचा’ दिखाने का कार्य किया है, मेरे मान का मर्दन किया है.
चूँकि मेरा गुड एकेडमिक रिकॉर्ड्स यह जांच (हिस्टोरियन रोमिला थापर ‘जयमल राय ‘इरफान हबीब’ के एम श्रीमाली ‘पुराविद’ डीजी आर्कियोलॉजी बी आर मणि जिन्होंने मेरी पुस्तक का विमोचन किया,
”पुरातत्व की अनुसंधान प्रणाली ‘रिसर्च मेथाडोलॉजी’ की मेरी पुस्तक की ‘बुक रिव्यू’ लिखी ) का विषय है कि एसिएंट हिस्ट्री’ आर्कियोलॉजी ‘कल्चर हिस्ट्री’ विषय में मुझसे उत्तम शैक्षिक अभिलेख किस आचार्य के पास है?
मेरा जीवन और ‘सम्मान’ मुझे वापस करे, मानदेय नियुक्ति तिथि 30 अगस्त ‘को आधार मानते हुए ‘वरिष्ठतानुसार’ प्रो पद पर मेरी नियुक्ति की जाए. वर्ष 2003-08 क़े लिए ‘स्थाई वेतन’ का भुगतान करे.
वि.वि द्वारा मेरी नियुक्ति के लिए ‘तथाकथित नियुक्ति’ शब्द के प्रयोग से हुई ‘मानहानि’ स्वरूप’ वि.वि मुझे 10 करोड रुपए दे. शिक्षा सत्र 2008 में वि.वि ने मेरा अप्रूवल निरस्त कर मुझे जिंदा लाश में तब्दील कर दिया,
मेरा जीवन’ जीने का आधार ‘अध्ययन’ अध्यापन’अनुसंधान’मेधा’चरित्र’अनुशासन’सब नष्ट कर दिया इसकी भरपाई वि.वि कैसे करेगा? 17 अप्रैल विवि गेट पर सत्याग्रह जो मेरा इकलौता मार्ग है.
मुझे न्याय चाहिए है जो सत्य से अभिन्न है, मेरा जीवन एवं सम्मान छीनकर अपराध संस्थित करने वाला विवि ‘जीवन’ एवं सम्मान’ वापस करने में विलंब क्यों कर रहा है?
अभी मै अस्वस्थ हूं, मेरे लीवर में सूजन है बार-बार मैं यह बात लिख रहा हूं परंतु ‘आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स’ से चलने वाले इस विवि पर कोई असर नहीं है. सत्य अहिंसा की पूरी ताकत से कहना चाहता हूं कि ज़ब 17को अप्रैल, वि वि गेट पर सत्याग्रह करूंगा, विवि में हो रहे जुर्म का अंत कर दूंगा.


