निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स हमारी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है इसे तोडूंगा: पूर्वांचल गांधी

gorakhpur halchal

भूतल परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर पूर्वांचल गांधी डॉ सम्पूर्णानन्द मल्ल ने बताया है कि निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है.

जब ‘वन टाइम रोड टैक्स’ ले लिया गया तब टोल टैक्स ‘लूट’, डांका, टैक्स क्यों? आप कहते हैं ‘फोकट में कैसे चलेंगे? राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक सहित लगभग तीन दर्जन से अधिक VIP

जिन्हे प्रतिमाह 2 लाख से अधिक वेतन मिलता फोकट में चलते हैं, उनकी गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं लगता फिर हमारी गाड़ी पर टोल टैक्स क्यों?

यह ‘राइट टू इक्वलिटी’ का वायलेशन है.  इन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि निम्न मध्यम लोग बड़े मुश्किल से लोन /कर्ज आदि पर एक गाड़ी खरीद रहे हैं, खरीदते समय GST /CGST ‘ शेष’ दिया जाता है,

‘वन टाइम रोड शुल्क भी भर देते हैं, ₹50 का डीजल, पेट्रोल ₹100 में भराया और जब सड़क पर जाते हैं तब टोल टैक्स, इसे तत्काल समाप्त कर दीजिए.

बताते चलें कि इन्होंने अब तक अनगिनत पत्र, ज्ञापन प्रेषित किया है, सत्याग्रह पर भी बैठे परंतु जिम्मेदारों ने आज तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया.

पूर्वांचल गांधी ने पीड़ा जाहिर करते हुए कहा है कि आप मेरे लोकतांत्रिक अधिकार ‘संवाद’ एवं ‘जवाबदेही भी छीन लिए हैं. फिर भी पुनः निवेदन करते हुए कहा है कि निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दीजिए

या कम से कम प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दीजिए ताकि जिनके पास पैसे न हों वह भी कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित न रहे.

जब संसद पर सत्याग्रह करूंगा तब टोल टैक्स के आर्बिट्रेरी ऑर्डर’ वैसे तोडूंगा जैसे गांधी ने फिरंगियों का नमक कानून तोड़ा था. मुझे घर में बार-बार कैद न किया जाए, मुझे सत्याग्रह करने दिया जाए.

यदि आप समझते हैं निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स संवैधानिक है तब हमें कैदखाने में तब तक रखे जब तक आपका ‘लूट कर’ चल रहा है. सत्य, अहिंसा की पूरी ताकत से कहना चाहता हूं कि संसद पर सत्याग्रह के दौरान इसे तोडूंगा.

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