दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के हार के बाद अब उठने लगे हैं प्रश्न-क्या अन्ना आंदोलन एक षड्यंत्र था (PART-1)

deccan herald

इस देश की सत्ता पर कब्ज़ा करने की कहानी शुरू होती है “विवेकानंद इंटरनैशनल फाउंडेशन’ से , यह मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का 2009 में बनाया संस्थान है.

रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, रिटायर्ड जज , रिटायर्ड सेना, बड़े मीडिया संस्थान के बड़े अधिकारियों को संघ से जोड़ कर अपने संपर्क के माध्यम से ब्युरोक्रेसी और मीडिया समेत देश के सभी संस्थाओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इस संस्थान को बनाया गया.

कांग्रेस की सरकार ने इसका टेंटुआ वहीं दबा दिया होता तो आज वह आस्तित्व में ही नहीं होता मगर तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम को भारतीय व्यवस्था को कब्जे में लेने की साज़िश नहीं दिखाई दी-चुप रहे.

2002 में केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा से छुट्टी लेकर दिल्ली के सुंदरनगरी इलाक़े में एक्टिविज़्म करने लगे और एक NGO बनाया “परिवर्तन” और फिर केजरीवाल के NGO “परिवर्तन” ने

शहरी क्षेत्र में विकास के मुद्दे पर पहली जनसुनवाई रखी और उस वक़्त पैनल में जस्टिस पीबी सावंत, मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर, लेखिका अरुंधति राय, सूचना का अधिकार कार्यकर्ता अरुणा राय जैसे लोग शामिल थे.

केजरीवाल अगले कई साल तक सुंदरनगरी में ज़मीनी मुद्दों पर काम करते रहे. सूचना के अधिकार के लिए चल रहे अभियान में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही.

इसी बीच दिल्ली में कामनवेल्थ गेम्स हुए और उसमें भ्रष्टाचार की गूंज सुनाई देने लगी , मैग्सेसे पुरस्कार के कारण अरविंद केजरीवाल की एक विश्वसनियता थी और “विवेकानंद इंटरनैशनल फाउंडेशन’ ने उन्हें ट्रैप में लिया

तथा 2002 में ही बने अपने ही एक संघठन “INDIA AGAINST CORRUPTION” से जोड़ दिया.

(ध्यान दीजिए कि इस संगठन के‌ वेबसाइट पर स्पष्ट लिखा है कि यह संघ से जुड़ा है और हिंदुत्व के लिए काम करता है.)

दिल्ली में साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया था और इसमें भ्रष्टाचार की खबरें तब मीडिया और अखबारों में छाने लगीं. ध्यान दीजिए कि तब भारत की मीडिया मुजरेबाज मीडिया नहीं थी बल्कि सरकार के खिलाफ खबरें छापती थीं.

मगर सबसे बड़ा ब्लंडर किया CAG विनोद राय ने, किसके इशारे पर समझा जा सकता है. 2010 में CAG विनोद राय ने अपनी एक रिपोर्ट में 2G स्पेक्ट्रम आवंटन से केन्द्र सरकार के खजाने से 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही.

(To Be Continued…)

 

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