आईटीएम गीडा कॉलेज गोरखपुर के छात्रों ने ऐसा अनूठा समाधान खोज लिया है जो महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने की चिंता को खत्म कर दिया है. अंशित कुमार श्रीवास्तव और यशिका सिंह ने ‘नैनो जीपीएस रुद्राक्ष माला’ विकसित किया है,
जिससे खोए हुए श्रद्धालु आसानी से अपने परिवार से जुड़ सकेंगे. इस विशेष माला में वाराणसी की विश्वनाथ गली से खरीदे गए रुद्राक्ष में एक हाई-टेक जीपीएस चिप लगाई गई है, जिसे भगवान शिव के लॉकेट के भीतर सुरक्षित रखा गया है.
यह वाटरप्रूफ ट्रैकर न केवल श्रद्धालु की लोकेशन ट्रैक करेगा, बल्कि इसमें इमरजेंसी बटन भी होगा, जिसे दबाते ही लोकेशन सीधे परिवार या आयोजन दल तक पहुंच जाएगी.
यह लॉकेट दो घंटे चार्ज करने पर चार से पांच दिन तक काम करेगा जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने परिवार से जुड़े रह सकेंगे. छात्र अंशित श्रीवास्तव के अनुसार,
इस ट्रैकर को बनाने में ब्लूटूथ मॉड्यूल, नैनो स्विच, 3.7 वोल्ट बैटरी और एक एंड्रॉइड ऐप का इस्तेमाल किया गया है. महज ₹900 की लागत और 12 दिन की मेहनत से तैयार यह इनोवेशन महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है.
आईटीएम गीडा के निदेशक डॉ. एन. के. सिंह ने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में लाखों श्रद्धालु आते हैं और कई बार भीड़ में बिछड़ जाते हैं, ऐसे में यह तकनीक उन्हें जल्द से जल्द उनके अपनों से मिलाने में मददगार होगी.
संस्थान जल्द ही इस ‘नैनो जीपीएस रुद्राक्ष माला’ को बाजार में उतारने की योजना बना रहा है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इसका लाभ उठा सकें.
यह इनोवेशन तकनीक और आस्था का संगम होने के साथ ही महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.


