विगत दो वर्षों से लगातार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भूतल परिवहन मंत्री तथा अन्य जिम्मेदार लोगों को अपने पत्रों के माध्यम से अवगत कराने वाले पूर्वांचल गांधी डॉक्टर संपूर्णानंद मल्ल का अब हौसला टूटा हुआ नजर आ रहा है.
इन्होंने पुनः राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को पत्र लिखकर निजी गाड़ियों पर लगने वाले टोल टैक्स के संबंध में बताया है कि यह टैक्स हमारी ‘स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है,
इसे समाप्त कर दें या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें ताकि जिनके पास पैसे न हों, वे भी कहीं आने जाने के मौलिक अधिकार से वंचित न रहें.
इन्होंने घोषणा किया है कि गणतंत्र दिवस’ 26 जनवरी’ को तेंदुआ टोल प्लाजा’ गोरखपुर दिन में 2:00 बजे निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स इस तरह तोड़ दूंगा जिस तरह अंग्रेजी हुकूमत के नमक कानून को गांधी जी ने तोड़ा था.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए इन्होंने कहा है कि टोल अड्डों पर दर्जन से अधिक असलहाधारी, गुंडे, अपराधी खड़े किए गए हैं जिनके पास पैसे नहीं होते टोल टैक्स देने में असमर्थ है उनमें भय पैदा करना, टोल देने से आनाकानी करने पर पीटकर टोल टैक्स वसूलते हैं.
इसे मैं गुंडाराज, अराजकता, भय का राज कहना पसंद करता हूं. बिस्मिल्ल, अशफाक, रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, उधम सिंह आदि ने क्या गुंडा राज के लिए फांसी का फंदा पकड़ा था?
उन लोगों ने कभी सोचा भी होगा कि जब भारत आजाद होगा मुट्ठी भर गुंडे अपराधी सत्ता में आएंगे और पेट (आटा, चावल, दाल, तेल, चीनी, दूध, दही, दवा एवं शिक्षा चिकित्सा रेल ) पथ पर टैक्स लगा देंगें?
अंग्रेजों ने ‘लैंड रेवेन्यू’ से भारत को लूटा था यहां के लुटेरे उत्पाद शुल्क, शराब शुल्क, समान एवं सेवा शुल्क’ gst’ पथकर’आयकर (अंग्रेजी जमाने से) आदि लगा दिया लगता ही नहीं है टैक्स लगाने वाले पढ़े लिखे हों, हमारे बीच के हमारे भाई हों.
जीना मुश्किल हो गया है, संविधान की पूरी ताकत से कहना चाहता हूं ऐसा कर लगाने वाले गुंडे, अपराधी, लुटेरे ही हो सकते हैं.
मैंने सैकड़ो पत्र ज्ञापन में निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त करने
एवं भारवाही गाड़ियों पर ₹1 प्रति KM टोल टैक्स लेने का आग्रह, किया सत्याग्रह किया, परंतु एक न सुनी. चलने की नैसर्गिक स्वतंत्रता मां से हासिल है, संविधान इसकी गारंटी देता है जब गाड़ी खरीदते समय
‘वन टाइम रोड टैक्स’ ले लिया फिर ये लूट के अड्डे क्यों खोले गए? जब इन टोल अड्डों को देखता हूं तो क्रोध से भर जाता हूं इच्छा होती है अभी इसे तोड़ दूं परंतु वहां तो शूटर बैठ गए हैं.
जमीन हमारी, सड़क निर्माण के लिए टैक्स के रूप में पैसा हमने दिया’ सरकार हमारी’ इसे हमने अपने लिए बनाया’ फिर हमारे पेट’एवं पथ पर टैक्स क्यों?
इन्होंने अपील किया है कि मेरे विरुद्ध बल प्रयोग न करें, मुझे हाउस अरेस्ट न किया जाए हां जब तक निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं समाप्त होता, मैं बंदी जीवन स्वीकार करूंगा.
विगत दिनों में अपने ऊपर हुए हमलों को देखते हुए इन्होंने Z+प्लस सुरक्षा की मांग किया है ताकि सत्ता के बाहर, सत्ता के भीतर के नफरतियों, अपराधियों से जीवन बचा सकें क्योंकि सत्ता के भूखे भेड़िए किसी समय हत्या करवा देंगे.
अपने पत्र की कॉपी को पूर्वांचल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय, मानवाधिकार आयोग, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, भूतल परिवहन मंत्री’
मुख्यमंत्री गण, सांसद गण, मुख्य सचिव, ‘डीजीपी उत्तर प्रदेश, आयुक्त ‘एडीजी पुलिस’जिलाधिकारी एसएसपी गोरखपुर को भी भेजा है.


