तथाकथित प्रोफेसर लिखने पर भड़के पूर्वांचल गांधी, गोरखपुर विश्वविद्यालय पर ठोका 10 करोड़ की मानहानि का दावा

gorakhpur halchal

गोरखपुर विश्वविद्यालय में अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पूर्वांचल गांधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने कहा है कि उन्हें ‘तथाकथित प्रोफेसर’ कहकर जिस तरीके से विश्वविद्यालय ने उनका जीवन, अध्ययन, अध्यापन और सम्मान छीना है उसको पाने के लिए अपना सत्याग्रह विश्वविद्यालय गेट पर जारी रखेंगे.

इन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ‘योग्य’ को ‘अयोग्य’ ठहराना अपराध है, इसलिए गोरखपुर विश्वविद्यालय के विरुद्ध अपराध का अभियोग जब तक पंजीकृत नहीं कर लिया जाएगा तब तक मेरा सत्याग्रह जारी रहेगा.

मेरे सत्याग्रह में किसी प्रकार की बाधा से अच्छा होगा ‘अपराध कारित’ विवि मेरा जीवन एवं सामान मुझे वापस कर दे. दबाव की दशा में सत्याग्रह को अनशन में बदलने के लिए विवश होऊंगा जिसकी जिम्मेदारी ‘कुलपति’ महोदया की होगी.

उनकी नजर के सामने एवं संज्ञान में यूजीसी रेगुलेशन नेट’ की हत्या हो रही है. मैं अस्वस्थ हूं मेरे फेफड़े और लीवर में सूजन है परंतु जीवन एवं सम्मान मैं और अधिक नहीं गवां सकता.

डॉ मल्ल ने अपनी योग्यता के विषय में बताते हुए लिखा है कि BHU डेक्कन कॉलेज’ और SOAS लंदन में उनकी पुस्तक ‘रेफरेंस बुक’ के रूप में इस्तेमाल हो रही है.

दुर्भाग्य बस यह है कि गोरखपुर विश्व विद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी एवं डिपार्टमेंटल लाइब्रेरी में उनकी पुस्तक नहीं है. हालाँकि यह पुस्तक फ्लिपकार्ट, अमेजॉन पर उपलब्ध है.

’हिस्टोरियॉग्राफी’ एवं रिसर्च मेथाडोलॉजी’ के अभाव में यहां इतिहास ‘विषय में राजाओं की वंशावलियां, ‘युद्ध की तिथियां, ‘राजा एवं सेनापतियों की सामरिक उपलब्धियां पढ़ाई जा रही है.

समय ‘एवं स्थान’ के साथ परिवर्तन’ पर जोर नहीं है. डीयू में रिसर्च के दौरान ‘हिस्टोरियॉग्राफी’ में  इन्होंने आठ असाइनमेंट की जगह 8 टर्म पेपर सबमिट किया है.

मेरी मेधा ‘रिसर्च एबिलिटी’ एवं इस डिपार्टमेंट को मेरी जरूरत के बारे में पीजी स्तर पर मुझे शिक्षा देने वाले विख्यात इंडोलॉजिस्ट’ हिस्टोरियन ‘प्रोफेसर जयमल राय (92) से पूछा जा सकता है.

अपने निवेदन में कहा है कि विवि इज्जत एवं सम्मान के साथ प्रोफेसर पद पर मेरी नियुक्ति कर दे ताकि इस विवि को विख्यात इतिहास विभाग का एक पीएचडी मिल जाए और विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विषय में अध्ययन एवं शोध के गिरते स्तर को बचाया जा सके.

बताते चलें कि अपने पत्र की कॉपी राज्यपाल उत्तर प्रदेश, कुलाधिपति, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, कुलपति, प्रति कुलपति, मुख्य सचिव डीजीपी उ प्र, आयुक्त, जिलाधिकारी, एसएसपी गोरखपुर को भी प्रेषित किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *