गोरखपुर: सोमवार को डिप्लोमा इंजीनियरिंग पीडब्ल्यूडी संघ भवन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष इंजीनियर रामसमुझ ने किया.
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव, कार्यवाहक अध्यक्ष रामसमुझ एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित श्याम नारायण शुक्ल ने संयुक्त रूप से कहा कि
“सरकार की जुमलेबाजी से कर्मचारी पेंशन शिक्षक सदमे में हैं. पेंशन को लेकर बरसों से चली आ रही कर्मचारियों की मांग को केंद्र व प्रदेश सरकार नजरअंदाज कर रही है.”
मांग पुरानी पेंशन की हुई परन्तु एनपीएस के बाद यूपीएस का लालीपाप थमा दिया गया. इतना ही नहीं कर्मचारियों का 18 महीने का एरियर भी सरकार ने भुगतान नहीं किया.
यह कोरोना काल का है एरिअर जब लोग सड़क पर नहीं निकलते थे, मां बेटे से नहीं मिलती थी, पिता पुत्र से नहीं मिलता था. इन सब बंधनों को तोड़ते हुए कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं दिया.
उसके बावजूद भी सरकार हम कर्मचारियों के साथ सिर्फ अन्याय कर रही है. 50 प्रतिशत डीए मूल वेतन में अब तक मर्ज हो जाना चाहिए था. सरकार कहती है कि वेतन समय से देंगे लेकिन अभी तक आठवें वेतन की कमेटी तक नहीं गठित हुई.
संरक्षक अशोक पाण्डेय, कार्य. अध्यक्ष राजेश सिंह, प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्षों से सरकार से सहमति मांगे जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जानते हैं-
जैसे केंद्र की भांति सभी भत्ते, सभी विभागों में वेतन विसंगतियां, रिक्त पदों पर नियमित नियुक्तियां आदि पर भी कोई ठोस कार्रवाई न होने से सरकार के सारे आश्वासन ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं, जिससे पूरा कर्मचारी समाज आक्रोशित है, मीडिया अनूप कुमार श्रीवास्तव ने दिया.
बैठक में मुख्य रूप से गोविंद जी, राजेश मिश्रा, इजहार अली, फुलई पासवान, ओमकार नाथ राय, वरुण वैरागी, इंजिनियर अनिल किशोर पाण्डेय, यशवीर श्रीवास्तव, जितेन्द्र कुमार, जामवंत पटेल, सुनील सिंह, रवीन्द्र कुंवर समेत दर्जनों कर्मचारी मौजूद रहे.


