- सबका साथ, सबका विकास में लगता है कि कर्मचारियों का विकास नहीं सिर्फ जुमला है- ई. राम समुझ
गोरखपुर: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक कैम्प कार्यालय पर आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता रुपेश श्रीवास्तव और संचालन मदन मुरारी शुक्ला ने किया.
दोनों नेताओं ने कहा कि डेढ़ वर्ष का बकाया DA एरियर, पचास प्रतिशत मूल वेतन में मर्जर, जनवरी के DA में विलम्बता, सातवे वेतन का फिटमेन्ट फैक्टर 2.62 से बढ़ाकर 3.68 किया जाना,
पेंशनरो का 65, 70, 75, 80 वर्ष पर पांच, दस, पंद्रह, बीस प्रतिशत किया जाना, सीनियर नागरिक को रेल किराया में छुट दिया जाना, निजीकरण बंद करके सभी विभागो केंद्र/राज्य में नियमित भर्ती किया जाना, संविदा आउटसोर्सिंग व्यवस्था बंद किया जाना चाहिए.
आखिर प्रधानमंत्री मोदी इसका संज्ञान लेकर सभी मांगो को पूरा करने में कोताही क्यों दिखा रहा हैं.? वहीं मण्डल अध्यक्ष गोविन्द श्रीवास्तव, ई राम समुझ, कार्यकारी अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि
“उत्तरप्रदेश सरकार से वर्षों से लंबित मांगे जो सहमति बनकर फ़ाइल ठन्डे बस्ते में रखा है, उसे संज्ञान में लेकर सभी मांगे पूरी की जाए. जैसे केंद्र की भांति भत्ते दिया जाना, सभी विभागो में वेतन विसंगतियों को दूर किया जाना,
50% DA मूल वेतन में मिश्रित किया जाना, विभागो के रिक्त सभी पदों पर नियमित नियुक्ति की जाय. पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेश इलाज प्रक्रिया को सरल बनाया जाय जिससे वास्तव में कैशलेस इलाज हो सके.
प्राइवेट अस्पताल संचालकों द्वारा वर्तमान में समुचित इलाज नहीं किया जा रहा है. सांची संस्था से अस्पताल संचालक मिलकर अवैध धन वसूली कर रहे है जो उचित नहीं है.
अन्य कैशलेस इलाजों में भी यहीं स्थिति है. इसकी जांच कराई जाय, व्यवस्था को सरल और बेहतर बनाया जाय जिससे लोगों का इलाज बेहतर हो सके.
इस बैठक में राजेश मिश्रा, अशोक पांडे, श्याम नारायण शुक्ल, फुलई पासवान, इजहार अली, ओंकार नाथ राय, बंटी श्रीवास्तव, वरुण वैरागी, महेंद्र चौहान, राजकुमार, राममिलन पासवान, अनूप श्रीवास्तव, यशवीर सिंह एवं अन्य कर्मचारी नेता उपस्थित थे.


