विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का आह्वान करते हुए कहा है कि
वे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के विरोध में एक साल से अधिक समय से चल रहे आंदोलन के साथ ही
उपभोक्ताओं के हित में लाई गई ‘बिजली बिल राहत योजना’ में 01 दिसम्बर से पूरी तरह सहयोग करेंगे.
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी उपभोक्ताओं को बिजली बिल राहत योजना से अच्छी तरह अवगत कराएंगे और साथ ही उपभोक्ताओं को निजीकरण से होने वाले नुकसान की भी जानकारी देंगे.
संघर्ष समिति ने कहा कि इस दौरान बिजलीकर्मी भोजन अवकाश या कार्यालय समय के उपरान्त निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेंगे.
निजीकरण से होने वाले नुकसान की उपभोक्ताओं को जानकारी देते हुए खासकर आगरा और ग्रेटर नोएडा में
निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को हो रही दिक्कतों से आम उपभोक्ताओं को अवगत कराया जायेगा.
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी उपभोक्ताओं को इस तथ्य से भी अवगत कराएंगे कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन घाटे के
गलत आंकड़े देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करना चाहती है जो जनहित में नहीं है.
उपभोक्ताओं को सही आंकड़े देकर यह बताया जायेगा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन उपभोक्ताओं को दी जा रही
सबसिडी की धनराशि और सरकारी विभागों पर बिजली राजस्व के बकाए की धनराशि को घाटे में जोड़ रहा है.
यदि सब्सिडी और सरकारी विभागों का बिजली राजस्व का बकाया अदा कर दिया जाए तो विद्युत वितरण निगम घाटे में नहीं है.
निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के 368 वें दिन बिजलीकर्मियों ने आवासीय कॉलोनी में व्यापक जन संपर्क किया
और निजीकरण के विरोध के साथ उपभोक्ताओं को बिजली बिल राहत योजना के बारे में अवगत कराने की योजना बनाई.
इस मौके पर पुष्पेन्द्र सिंह, जीवेश नन्दन, जितेन्द्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य,
इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह एवं राकेश चौरसिया आदि मौजूद रहे.


