बिजली कर्मचारियों का एलान, धन त्रयोदशी से भाई द्वीज तक नहीं होगा कोई आंदोलन

gorakhpur halchal

गोरखपुर: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर ने पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन के चेयरमैन से मांग की है कि

दीपावली जैसे प्रकाश पर्व के पहले बिजली कर्मचारियों पर निजीकरण के नाम पर की गई तमाम उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लिया जाए।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पुष्पेन्द्र सिंह, जीवेश नन्दन, जितेन्द्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद,

संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह एवं राकेश चौरसिया आदि ने

घोषणा किया है कि दीपावली के प्रकाश पर्व पर 18 अक्टूबर को धनतरेस से लेकर 23 अक्टूबर भाई दूज तक उपभोक्ताओं को

निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के उद्देश्य से कोई आंदोलन या प्रदर्शन नहीं होगा बल्कि एकजुटता के साथ दीपावली पर बिजली आपूर्ति का नया कीर्तिमान स्थापित होगा.

संघर्ष समिति ने सभी जनपद में निर्देश जारी किया है कि दीपावली पर संघर्ष समिति हेल्पलाइन प्रारंभ करें जिससे आम उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ हो तो वह सीधे संघर्ष समिति से संपर्क कर सकते हैं.

संघर्ष समिति ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में

चल रहे संघर्ष को दीपावली के बाद और तेज किया जाएगा और निजीकरण के विरोध में संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय अंतिम तौर पर वापस नहीं लिया जाता.

पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा निजीकरण के लिए बिजलीकर्मियों पर की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां दीपावली के पहले समाप्त की जानी चाहिए.

जहां एक ओर प्रदेश सरकार ने लगभग 18 लाख सरकारी कर्मचारियों को दीपावली के पूर्व बोनस दिया है वहीं पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने

बिजलीकर्मियों को विगत छह वर्षो से बोनस से वंचित कर रखा है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निन्दनीय है.

इसके अतिरिक्त दीपावली के प्रकाश पर्व पर बिजलीकर्मी बिजली व्यवस्था बनाए रखने में रात-दिन जुटे हुए हैं

तब पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने फेसियल अटेंडेंस के नाम पर हजारों बिजली कर्मियों का विगत चार माह से वेतन रोक रखा है.

बड़ी तादाद में जो बिजलीकर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता लम्बे समय से निलंबित हैं, उन्हें तत्काल बहाल किया जाए.

संघर्ष समिति ने कहा कि मार्च 2023 की हड़ताल के दौरान जिन बिजली कर्मियों को निलंबित करके एक परियोजना से दूसरी परियोजना पर

घर से बहुत दूर स्थानांतरित कर दिया गया था उन्हें इस दीपावली के पहले कम से कम पुराने स्थान पर वापस किया जाए जिससे कि वे अपने घर वापस आ सकें.

निजीकरण के लिए डाउनसाइजिंग के नाम पर पिछले 6 महीने में लगभग 25000 संविदा कर्मियों को नौकरी से हटाया जा चुका है.

यह अत्यंत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मी हैं जिनका जीना दुश्वार हो रहा है. हम माँग करते हैं कि मार्च 2023 की हड़ताल के बाद

ऊर्जा मंत्री से हुए समझौते के अनुसार बिजलीकर्मियों पर की गई सभी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को इस दीपावली के पर्व पर वापस लिया जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *