गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जून शुक्रवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण कर एक बड़ी सौगात लोगों को दिया है,
इस लिंक एक्सप्रेस के बन जाने से गोरखपुर, आजमगढ़, लखनऊ ,प्रयागराज की यात्रा और आसान हो जाएगी.
इस लिंक एक्सप्रेसवे में किसानों ने भी काफी सहयोग दिया क्योंकि उन्होंने बिना विरोध इस परियोजना के लिए भूमि दी है.
सरकार ने चार जिलों के 172 गांव से 1148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है और कुल 22029 किसानों को 2030.29 करोड रुपए का मुआवजा दिया है.
इस लिंक एक्सप्रेस वे के बन जाने से लोगों के समय की बचत के साथ साथ रास्ता आसान हो जाएगा.
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के माध्यम से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की सौगात के लिए
आज मैं आप सभी गोरखपुर वासियों को संतकबीरनगर वासियों, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ वासीयों को बधाई देता हूं.
गोरखपुर विकास के लिए आवश्यक है हमारी गति तेज हो और गति बढ़ाने के लिए अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए और गति बढ़ेगी तो प्रगति होगी और प्रगति होगी तो समृद्धि होगी.
उन्होंने कहा कि 2017 की पहले उत्तर प्रदेश की क्या स्थिति थी ये किसी से छुपा नहीं है, एक माफिया एक जनपद पिछली सरकार की देन थी,
लेकिन आज उत्तर प्रदेश माफिया मुक्त, गुंडा मुक्त, दंगा मुक्त राज्य के रप में अपने आप को स्थापित कर चुका है.
पहले पता ही नहीं चलता था कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, अभी आपने 5 दिन पहले लखनऊ में देखा होगा 60244 पुलिस कार्मिक को नियुक्ति पत्र मिला, प्रदेश के सभी 75 जनपदों के युवाओं युवतियों को नौकरियों मिली है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सबसे पहले आजमगढ़ के सलारपुर में इस परियोजना का लोकार्पण किया और जनसभा को संबोधित किया.
पूर्वांचल के विकास को रफ्तार देने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना का यह कार्यक्रम एक्सप्रेसवे के दोनों छोरों गोरखपुर और आजमगढ़ पर हुआ है.
गोरखपुर के भगवानपुर टोल प्लाजा पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था, आजमगढ़ में लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद
करीब 86 किलोमीटर का रास्ता मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे पर तय किया और गोरखपुर में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के चालू हो जाने से इससे जुड़े चार जिलों को तो लाभ मिलेगा ही साथ ही गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली की दूरी भी कम समय में तय की जा सकेगी.
इस हाई स्पीड एक्सप्रेस वे से लोग गोरखपुर से लखनऊ की दूरी मात्र 3:30 घंटे में तय कर सकेंगे.
गोरखपुर के दक्षिणांचल खजनी, उरला, बेलघाट, गोला, बड़हलगंज जैसे इलाके से शहर के मुख्य हिस्से तक लोगों का पहुंचना अब आसान हो जाएगा.
लिंक एक्सप्रेस वे पर यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यूपीडा ने विशेष सुरक्षा फ्लड तैयार की है जिसमें 5 इनोवा, 5 कैंपर, 4 एंबुलेंस, 2 क्रेन और 1 हाइड्रा शामिल है.
यह लिंक एकप्रेस वे अच्छी सड़क के साथ-साथ पूर्वांचल के औद्योगिक, कृषि और पर्यटन विभाग के लाभ का आधार बनेगा.
इसके बन जाने से गोरखपुर और आसपास के इलाके सीधे राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ जाएगा.
यह एक्सप्रेस वे पूर्वांचल की रीड की हड्डी बन गई है, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91.35 किलोमीटर लंबा है अब लोग यह दूरी मात्र 50 मिनट में पूरी कर सकेंगे.
इस एक्सप्रेसवे पर माइलस्टोन 25 किलोमीटर पर यात्रियों के लिए रेस्ट एरिया बनाया गया है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपने महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर्स विकसित किए हैं.
लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे ही गीडा ने 88 एकड़ क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क बनाया है.
इसमें प्लास्टिक उत्पाद की 92 इकाइयों हेतु विभिन्न क्षेत्रफल के आवंटन हेतु उपलब्ध भूखंडों में से करीब पांच दर्जन भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है.
प्लास्टिक पार्क में कुछ यूनिट्स में उत्पादन शुरू हो चुका है, गोरखपुर के अलावा एक और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अंबेडकर नगर में बनेगा.
चूंकि पूर्वांचल में खेतीबाड़ी ही रोजगार का प्रमुख जरिया है, लिहाजा दोनों कॉरिडोर में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर फोकस है.
इससे आने वाले समय में यहां के खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प हो सकेगा. विश्व बैंक की मदद से चलने वाली यूपी एग्रीज योजना इसमें खासी मददगार होंगी. इस महत्वाकांक्षी योजना में पूर्वांचल के सभी जिले शामिल हैं.


