‘सत्यपथ’ इकलौता मार्ग है जिस पर मैं चलता हूं मुझे मेरा लोकतंत्र एवं संविधान चाहिए: पूर्वांचल गाँधी

जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को मुखरता के साथ उठाकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित ढेरों जिम्मेदारों को पत्रों के माध्यम से अवगत कराने वाले पर्यावरणविद्, समाजविद पूर्वांचल गांधी डॉक्टर संपूर्णानंद मल्ल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख कर मांग किया है कि किसानों, मजदूरों के श्रम’ पर पलने वाले विधायिका…

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लखनऊ में पत्रकारों का हल्ला बोल लाया रंग, सरकार ने मानी सभी मांगे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आज पत्रकार एकता और संघर्ष की मिसाल बन गई! लंबे समय से चली आ रही पत्रकारों की मांगें आखिरकार रंग लाई हैं. 25 जून को राजधानी लखनऊ में हुए विशाल आम पत्रकार धरना-प्रदर्शन के ऐन पहले पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से जबरदस्त वार्ता कर वो ऐतिहासिक सहमति हासिल…

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बदहाल मनरेगा: रोजगार नहीं, निराशा की गारंटी आलेख: डॉ. विक्रम सिंह

पिछले दिनों मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत खर्च पर कुछ पाबंदियाँ लगाई हैं. 10 जून को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के लिए मनरेगा के तहत खर्च को अपने वार्षिक…

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महाराष्ट्र सरकार की यह नई योजना क्यों चिन्तित करने वाली पहल है? आलेख: सुभाष गाताडे (PART-1)

भारतीय संघ के सबसे समृद्ध सूबा कहलाने वाले महाराष्ट्र ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी पहल हाथ में ली है. वह स्कूली छात्रों के लिए कक्षा 1 से ही बुनियादी फौजी प्रशिक्षण देना शुरू करेगा, ताकि बच्चों में ‘देशभक्ति, अनुशासन और बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य की नींव डाली जा सके.’ एक स्थूल अनुमान के…

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फूल तो बरसाने दो यारों-व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा

मोदी विरोधियों तुम और कितना गिरोगे? मोदी का विरोध करते–करते‚ कभी देश का, तो कभी धर्म का विरोध करने लगने की बात पुरानी पड़ गई. अब तो पट्ठे मोदी जी के विरोध के चक्कर में फूलों का विरोध करने तक चले गए हैं. ऐसे शोर मचा रहे हैं जैसे मोदी जी के रोड शो में…

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शर्मिष्ठा पनोली का मामला: लोकतंत्र वाकई खतरे में है! आलेख: संजय पराते (PART-1)

लगता है हमारी सरकार और न्यायपालिका के लिए सांप्रदायिकता, वैमनस्यता और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के पैमाने अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग है. सत्ताधारी पार्टी से जुड़े नेताओं के लिए अलग और बाकी विपक्षियों और आम जनता के लिए अलग. अब डॉ. अली खान मेहमूदाबाद के बाद शर्मिष्ठा पनोली का नया मामला सामने आया…

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मोदी महात्म्य: विष्णु नागर (PART-1)

चेतावनी: इस रचना का तथ्य और सत्य से उतना ही सघन संबंध है, जितना मोदी जी का रहता है. इसमें तथ्य और सत्य के कहीं दर्शन हो जाएं, तो इसे अपना सौभाग्य मानें. मोदी जी का आभार कि यह रचना उनके कारण संभव हुई और मैं पाठकों की सेवा में इसे पेश कर सका :…

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एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जानो नरेन बाबू!! आलेख: बादल सरोज (PART-1)

अंततः खुद उन्हीं ने इसका प्रमाण भी प्रस्तुत कर दिया है कि वे सचमुच में नॉन-बायोलॉजिकल हैं, अपौरुषेय हैं. सबसे पहली बार उन्होंने चौबीस के लोकसभा चुनाव के पहले चराचर मनुष्य जगत के समक्ष यह रहस्य उदघाटित किया था कि वे सामान्य प्राणियों की भांति जन्मे नहीं है, बल्कि स्वयं परमात्मा द्वारा भेजे गए हैं….

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संथारा: 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी? आलेख: सुभाष गाताडे (PART-1)

“मनुष्य कभी भी बुराई का खुशी से पालन नहीं करता, जब तक कि वह धार्मिक विश्वास से प्रेरित न हो”-ब्लेज़ पास्कल (1623–1662), फ्रांसीसी गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी, आविष्कारक, दार्शनिक और कैथोलिक लेखक इंदौर के आईटी प्रोफेशनल की तीन वर्षीया बेटी नम्रता (बदला हुआ नाम) की मौत हो गई है. उसे ब्रेन ट्यूमर था, जिसका जनवरी में…

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मालेगांव बम ब्लास्ट की आतंकी प्रज्ञा ठाकुर है तो क्या इसके लिए भारत दोषी है?: पूर्वांचल गाँधी

पूर्वांचल गाँधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर माँग करते हुए कहा है कि आप मातृ सत्ता हैं और यह संजोग ही है कि इस महान मुल्क 145 करोड लोगों के परिवार की मुखिया हैं. एक छोटा सा निवेदन आपसे करता हूं हमला रोकिए, युद्ध रोकिए, शांति स्थापित करिए, ‘हथियार संचालित…

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