हे भागवत जी, कुछ ऐसी भागवत-कथा कहो कि आपका श्रोता सुनते-सुनते सो जाए!: विष्णु नागर

खबर है कि RSS की प्रतिनिधि सभा की अगले महीने बंगलूरू में होने वाली बैठक में ‘हिंदू जागरण’ पर चर्चा होगी. यह अत्यंत शुभ विचार है, क्योंकि पिछले साढ़े दस साल से हिंदू को इतना जगाया गया है कि बेचारा रात क्या होती है, नींद क्या होती है, बिस्तर क्या होता है, आराम क्या होता…

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दाल देख और दाल का पानी देख! व्यंग्य-आलेख: संजय पराते

रोटी के साथ दाल मिलना भी अब नसीब की बात है. आज की ताजा खबर है कि बाजार में दाल का संकट आने वाला है, क्योंकि सरकारी दाल का भंडार खाली है. क्यों खाली है, इस पर टिप्पणी करेंगे; लेकिन इसका मतलब यह है कि गरीबों को अब दाल-रोटी या दाल-भात खाने का सपना छोड़…

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श्रद्धालुओं की आस्था का राजनैतिक दोहन: राम तेरी गंगा मैली हो गई, पापियों के पाप ढोते-ढोते

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि गंगा की जिस पवित्रता का वर्णन हमारे धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, महाकुंभ की गंगा अब पवित्र नहीं रह गई है. बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि संगम घाट पर मल से उत्पन्न कोलीफॉर्म की मात्रा प्रति 100 मिलीलीटर पानी में 12,500…

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देश की आंतरिक एकता केंचुए की तरह कमजोर होकर टूटती जा रही है: पूर्वांचल गांधी

इंसानियत और मनुष्यता के पैरोकार पूर्वांचल गांधी डॉक्टर संपूर्णानंद मल्ल ने आक्रोश जताते हुए कहा है कि देश में सड़कों के किनारे या सड़कों पर अवस्थित अंधविश्वास के अड्डे ‘मंदिर’, मस्जिद, मूर्तियां जो चोर, व्यभिचारी, बलात्कारी, अपराधी, बर्बर, आक्रांताओं से संबंधित हैं, जिसके कारण अप्रत्यक्ष रूप से देश की ‘आंतरिक एकता’ ‘केंचुए की तरह कमजोर’…

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निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स हमारी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है इसे तोडूंगा: पूर्वांचल गांधी

भूतल परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर पूर्वांचल गांधी डॉ सम्पूर्णानन्द मल्ल ने बताया है कि निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है. जब ‘वन टाइम रोड टैक्स’ ले लिया गया तब टोल टैक्स ‘लूट’, डांका, टैक्स क्यों? आप कहते हैं ‘फोकट में कैसे चलेंगे? राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद,…

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अमृतकाल के बजट में जीवनामृत नहीं है आलेख: जे के कर

केन्द्र सरकार ने साल 2025-26 का आम बजट पेश कर दिया है. अमृतकाल के इस बजट के स्वास्थ्य बजट में जीवनामृत याने जरूरत के मुताबिक पर्याप्त धन का अभाव है. साल 2024-25 में स्वास्थ्य बजट रिकवरी को छोड़कर (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण+स्वास्थ्य रिसर्च+आयुष) 93471.76 करोड़ रुपयों का था, उसकी तुलना में साल 2025-26 का स्वास्थ्य…

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धर्म का धर्म और धंधे का धंधा: राजेंद्र शर्मा का व्यंग्य

हम तो पहले ही कह रहे थे कि धर्म है बहुत फायदे का धंधा. बहुत फायदे का यानी सचमुच बहुत ही फायदे का. अब कुंभ को ही ले लीजिए- योगी जी और उनके संगी-संगातियों ने लाखों करोड़ का हिसाब बताकर, कुंभ के खर्चे का सवाल उठाने वालों के मुंह बंद कर दिए हैं. वैसे कुंभ-वुंभ…

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नफरती एजेंडे की बलिवेदी पर चढ़ा कुंभ का मेला: बादल सरोज (PART-2)

इतनी विराट संख्या में लोगों के जमा होने के चलते प्रबंधन और नियोजन में हुकूमतों और सरकारों की भूमिका अकबर के समय से शुरू होने के दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं, जिन्हें संघी कुनबे के इतिहासकार भी मानते हैं. यह अकबर थे, जिन्होंने कुंभ की सहूलियत के लिए सार्वजनिक शौचालय और घाटों के निर्माण किये तथा…

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MAHA KUMBH 2025: नफरती एजेंडे की बलिवेदी पर चढ़ा कुंभ का मेला: बादल सरोज (PART-1)

एक महीने तक चलने वाले कुंभ मेले का आरम्भ हो गया है. कुंभ, उसमें भी इलाहाबाद – जिसे अब प्रयागराज कहने का हुक्म है-का कुंभ पृथ्वी के इस हिस्से का सबसे बड़ा मेला है. मनुष्यता के असाधारण एकत्रीकरण और समावेश के आकार और जुटान की तादाद को देखते हुए यह मेला अपनी मिसाल आप ही…

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बस्तर जंक्शन के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर बादल सरोज की त्वरित टिप्पणी

1 जनवरी की शाम से लापता मुकेश चंद्राकर की देह मिलने की दुखद और स्तब्धकारी खबर को मौके पर पहुंचे कमल शुक्ला ने रुंधे गले से सुनाई-एकदम युवा और अत्यंत धुनी और ऊर्जावान मुकेश का वेब पोर्टल देखने वाले सोच भी नहीं सकते थे कि इसका सम्पादक-रिपोर्टर छत्तीसगढ़ के एक जिला मुख्यालय, बीजापुर के एक…

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